लोकसभा आम चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व कहा जाता है। भारत में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव का पहला चरण का मतदान होने जा रहा है। नवादा संसदीय क्षेत्र में भी पहले चरण में ही मतदान होना है जिसके लिए तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार नवादा में कुल 17 ने नामांकन करवाया था जिसमें से मात्र 8 ही योग्य पाए गए और उसमें भी मुख्यतः 4 नाम ही सुर्ख़ियों में हैं।
पहला नाम है विवेक ठाकुर का जो की भाजपा के पार्टी चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे वहीँ दूसरी तरफ बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राजद के तरफ से श्रवण कुमार उर्फ़ श्रवण कुशवाहा अपनी किस्मत आजमा रहें हैं। तीसरे उम्मीदवार हैं विनोद यादव जो कि वैसे तो राजद में ही थे लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय ही चुनाव में उतर गए। चौथा नाम है एक लोकल कलाकार एवं संगीतकार गुंजन सिंह का जो कि मगही और भोजपुरी में गाना गाते हैं और इस क्षेत्र में काफी प्रचलित हैं।
गुंजन सिंह:
इसमें कोई संदेह नहीं है कि गुंजन सिंह एक प्रचलित कलाकार हैं और भोजपुरी इंडस्ट्री में नवादा का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस बात को लेकर नवादा की जनता गुंजन सिंह पर गर्व भी करती है और शायद इसी चीज़ को गुंजन सिंह चुनाव में भुनाने का प्रयास कर रहे हैं।
वो जीत पाएंगे या नहीं यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़कर गुंजन सिंह का लक्ष्य चुनाव जीतना नहीं बल्कि एक अच्छा वोट बैंक तैयार करना है ताकि अगली बार किसी पार्टी से उनको टिकट मिल जाय।
श्रवण कुशवाहा:
श्रवण कुशवाहा INDI गठबंधन का चेहरा हैं जिनको राजद के तरफ से टिकट मिला है। श्रवण कुशवाहा भी काफी वर्षों से राजनीती में सक्रीय हैं और उन्होंने कई बार निर्दलीय चुनाव लड़कर एक सम्मानजनक वोट ला चुके हैं और शायद इसीलिए राजद ने इनको टिकट दिया है। लेकिन जातीय राजनीती के कारण इनको पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
विनोद यादव:
विनोद यादव नवादा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व राजद के गद्दावर नेता राजबल्लभ यादव के भाई हैं और वे स्वयं भी राजद में अच्छी पैठ रखते हैं। उनको पूरा विश्वास था कि राजद के तरफ से उनको ही टिकट मिलेगा किन्तु टिकट श्रवण कुशवाहा को टिकट मिल जाने पर क्षुब्ध विनोद यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। और उम्मीद है कि इनको राजद समर्थकों का भी वोट मिलेगा जो श्रवण कुशवाहा को अपना नेता नहीं मानते।
विवेक ठाकुर:
विवेक ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री सी पी ठाकुर के बेटे हैं और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं। नवादा में विवेक ठाकुर की जीत लगभग तय मानी जा रही है क्योंकि नवादा को भाजपा का गढ़ माना जाता है। वर्तमान सांसद चन्दन सिंह भी भाजपा की सहयोगी पार्टी लोजपा के ही सदस्य हैं और इससे पहले 2014 में भी भाजपा के उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की थी।
हालाँकि लोकतांत्रिक चुनाव में रिजल्ट आने से पहले पूर्ण विश्वास से कुछ कहना मुश्किल होता है। इतिहास में कई बार ऐसा हो चूका है कि बड़े बड़े नेता भी अपने गढ़ से हार चुके हैं। आम चुनाव में ऐसा अक्सर देखा जाता है कि स्थानीय मुद्दों से अधिक राष्ट्रिय मुद्दों पर वोट मिलता है और ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की भ्रष्टाचार के मामले में साफ़ छवि, राम मंदिर , धारा 370 जैसे मुद्दे भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं वहीँ विपक्ष यदि सही तरीके से मुद्दों को उठाये तो बेरोजगारी, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसे मुद्दों को लेकर मौजूदा सरकार को अच्छे से घेर सकती है।




