हाल ही में पाकिस्तान में चुनाव हुए जिसमें शहवाज शरीफ प्रधानमंत्री चुने गए। पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री अपनाी विदेश यात्रा में सऊदी अरब ही जाता है क्योंकि उनको उम्मीद होती है कि सऊदी से कुछ पैसा मिल जाएगा। उसी परंपरा को निभाते हुए शहवाज शरीफ अपने पहले विदेश यात्रा में सऊदी अरब गए। वहाँ शाहबाज़ शरीफ सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान से मिले, वैसे तो यह मीटिंग कुछ खास नहीं रही क्योंकि पाकिस्तान की उम्मीद के उलट सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कोई ऋण देने का ऐलान नहीं किया।
लेकिन दोनों देशों का जब साझा बयान सामने आया तो पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा। सऊदी अरब ने कश्मीर को लेकर भारत का साथ दिया। मोहम्मद बिन सलमान से कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया जो की भारत भी कहता आ रहा है।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति
पाकिस्तान कहता का कश्मीर मुद्दा में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता होनी चाहिए और इसके लिए वो अधिक से अधिक देशों से समर्थन जुटाने का प्रयास करता रहता है ताकि भारत पर दवाब बनाया जा सके। पाकिस्तान को सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की जैसे देशों से अधिक उम्मीद होती है क्योंकि वे सब इस्लामिक देश हैं।
कश्मीर मुद्दे पर भारत का पक्ष:
कश्मीर को लेकर भारत का बहुत ही सीधा पक्ष है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अनधिकृत तौर से कब्ज़ा कर के बैठा है। अतः यह द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तृतीय पक्ष का कोई मतलब बनता।




