भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर अपने हाज़िर जवाबी के लिए जाने जाते हैं। और यही कारण है कि वो भारतीय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने कई मौकों पर मीडिया को ऐसा जवाब दिया कि सवाल करने वाले ने चुप्पी साध ली चाहे वो पाकिस्तानी मीडिया का कश्मीर को लेकर सवाल हो या यूरोपीय मीडिया का रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की स्थिति को लेकर, हर बार उन्होंने यह साबित किया कि भारत अब विश्व मंचो पर प्रखर होकर जवाब देने लगा है। और जब विदेश मंत्री बोलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे वो हर भारतीय के दिल की बात बोल रहे हों।
ऐसा ही एक मौका था जब हाल ही में द इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू देते समय जब उनसे पूछा गया कि अगर उनके पास कोई जादुई शक्ति हो जिससे कि वो हनुमान जी और श्री कृष्ण से अनुरोध कर सकें किसी 2 देश से रिश्ते ठीक करने के लिए तो वो किसको कहाँ भेजना चाहेंगे?
इसपर जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि वो हनुमान जी को पाकिस्तान और श्री कृष्ण को चीन भेजना चाहेंगे। और यदि देखा जाय तो उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि पाकिस्तान लातों का भूत है और उसके लिए हनुमान जी बेहतर और कौन होगा और वहीं दूसरी तरह चीन बहुत ही जटिल है। वो पाकिस्तान की तरह मुर्ख शत्रु नहीं है जिसे शक्ति से नियंत्रित किया जा सके। चीन को नियंत्रित करने के लिए श्रीकृष्ण ही उत्तम होगा क्योंकि चीन को नियंत्रित करने के लिए शाम दाम दंड भेद सभी हथकंडो की जरुरत होगी।
एस जयशंकर रामायण और महाभारत से काफी प्रेरित हैं। उन्होंने इससे पहले भी एक इंटरव्यू में कहा था कि इतिहास का सबसे बड़ा डिप्लोमेट अगर कोई है तो वो हैं श्री कृष्ण और हनुमान जी क्योंकि ये दोनों को जब काम सौंपा गया तो इन्होनें न सिर्फ उस काम को किया बल्कि उससे आगे बढ़कर शत्रु की शक्ति को भी परख कर आये।




